💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देखा जो हुस्ने यार तो दिल भी मचल गया।
स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से।।
मेरे दिल की धड़कनों को बढ़ाते हो किस लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
शिद्तों में जो बे'शुमार रहा
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
संस्कार - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
*जो अपना छोड़कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*