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6 Aug 2016 · 1 min read

दिल उसपे आया सवेरे-सवेरे

मैं सो कर उठा था, सवेरे-सवेरे
कि दिल उसपे आया सवेरे-सवेरे

रज़ के नहाये वो सजधजके आये
और मैं भी नहाया ..सवेरे-सवेरे

बड़ी लज्जतें हैं चेहरे पे उसके
गेसू अधखुले-से …सवेरे-सवेरे

सुबह से अब शाम होने को आई
और मंजिल मिलेगी..सवेरे-सवेरे

आनंद!अगली सुबह भी मिलेगी?
रब का शुक्रिया हो.. सवेरे-सवेरे

@आनंद बिहारी
https://facebook.com/anandbiharilive/

1 Comment · 994 Views
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