Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2022 · 1 min read

दस्तूर

झाँक पड़ीं यादें बीती-सी,
खुली अचानक जब मन-खिड़की ।

कोलाहल, आँगन की गुनगुन,
अम्मा की, पायल की रुनझुन ।

मिली पुरानी अपनी कापी,
दौड़ पड़ीं रातें जगराती ।

हाँफीं दिखीं पड़ोसन काकी,
चुपके उड़ आयीं कुछ पाती ।

ले आई स्मृति बाबा को,
ढेरों बच्चों को, चाचा को ।

एक विदाई फिर दिखती-सी,
कैसे खुल आई मन-खिड़की ।

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
2 Likes · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#ekabodhbalak
#ekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी राहों में ख़ार
मेरी राहों में ख़ार
Dr fauzia Naseem shad
गौरवमय पल....
गौरवमय पल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Satish Srijan
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
आशा
आशा
नवीन जोशी 'नवल'
■ दास्तानें-हस्तिनापुर
■ दास्तानें-हस्तिनापुर
*Author प्रणय प्रभात*
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
खुदाया करम इन पे इतना ही करना।
सत्य कुमार प्रेमी
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो,
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो,
Shubham Pandey (S P)
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
Neelam Sharma
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा मुसाफिर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
gurudeenverma198
विरही
विरही
लक्ष्मी सिंह
सुख दुःख
सुख दुःख
विजय कुमार अग्रवाल
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
बहुत दिनों के बाद उनसे मुलाकात हुई।
Prabhu Nath Chaturvedi
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
कवि दीपक बवेजा
भूख से वहां इंसा मर रहा है।
भूख से वहां इंसा मर रहा है।
Taj Mohammad
Magical world ☆☆☆
Magical world ☆☆☆
ASHISH KUMAR SINGH
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ये  भी  क्या  कमाल  हो  गया
ये भी क्या कमाल हो गया
shabina. Naaz
Hello Sun!
Hello Sun!
Buddha Prakash
हवा बहुत सर्द है
हवा बहुत सर्द है
श्री रमण 'श्रीपद्'
~रेत की आत्मकथा ~
~रेत की आत्मकथा ~
Vijay kannauje
💐अज्ञात के प्रति-82💐
💐अज्ञात के प्रति-82💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...