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29 Jan 2022 · 1 min read

दस्तूर

लाचार था
मजबूर था
क्योंकि मैं
मज़दूर था!
क़त्ल हुआ
बेरहमी से
हालांकि
बेकसूर था!!
मेहनतकश
ग़ुलाम रहें
मुफ्तखोर
हाकिम बनें!
सदियों से
इस देश में
ज़ारी यही
दस्तूर था!!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायर #इंकलाबीशायरी
#बहुजनशायरी #चुनावीशायरी

Language: Hindi
Tag: कविता
89 Views
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