*दर्शन प्रभुजी दिया करो (गीत भजन)*

*दर्शन प्रभुजी दिया करो (गीत भजन)*
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कभी-कभी तो घर पर आकर दर्शन प्रभु जी दिया करो
( *1* )
रोज प्रतीक्षा करता हूँ मैं प्रभु जी तुम्हें बुलाता
बड़े प्रेम से बैठ .पालथी तुम में ही खो जाता
किसी दिवस पल दो पल तो सुध आकर मेरी लिया करो
( *2* )
क्यों रूठे हो प्रिय मनमोहन कारण तो बतलाओ
भूल हुई हो जो भी मुझसे, क्षमा करो बिसराओ
रोज पिलाओ मदिरा-मधु, उपकार भक्त पर किया करो
( *3* )
मेरी जग में सिर्फ हैसियत मैंने तुमको पाया
मेरी पूँजी यही अकेली तुम में डूबी काया
फटी हुई अब चादर मेरी आकर प्रभु जी सिया करो
कभी-कभी तो घर पर आकर दर्शन प्रभु जी दिया करो
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*रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 99976 15451*