Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

दर्शन की ललक

दर्शन की ललक है आजा।
रोम- रोम महक है आजा।।

मधुर मुरलिया तान सुना दे,
कुंठित हिया दहक है आजा।

तम गहराया मन पर मेरे,
तेरी आभ दमक है आजा।

मधुर प्रेम की वर्षा करदे
खुशियाँ रही चटक हैं आजा।

गिरिधर गोवर्धन बनवारी,
नीलम हिया कसक है आजा।।

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
1 Like · 74 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neelam Sharma
View all
You may also like:
अच्छा अख़लाक़
अच्छा अख़लाक़
Dr fauzia Naseem shad
*लोकसभा की दर्शक-दीर्घा में एक दिन: 8 जुलाई 1977*
*लोकसभा की दर्शक-दीर्घा में एक दिन: 8 जुलाई 1977*
Ravi Prakash
चाहत है तो रुसवाई का इमकान बहुत है। हर शख्स दिल लगा के परेशान बहुत है।
चाहत है तो रुसवाई का इमकान बहुत है। हर शख्स दिल लगा के परेशान बहुत है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐💐मेरी बहुत शिक़ायत है तुमसे💐💐
💐💐मेरी बहुत शिक़ायत है तुमसे💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Love
Love
Kanchan Khanna
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
Jyoti Khari
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
कोई तो है कहीं पे।
कोई तो है कहीं पे।
Taj Mohammad
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
अनोखा गुलाब (“माँ भारती ”)
अनोखा गुलाब (“माँ भारती ”)
DESH RAJ
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
मस्तान मियां
मस्तान मियां
Shivkumar Bilagrami
वाह रे पशु प्रेम ! ( हास्य व्यंग कविता)
वाह रे पशु प्रेम ! ( हास्य व्यंग कविता)
ओनिका सेतिया 'अनु '
" खामोश आंसू "
Aarti sirsat
हनुमंता
हनुमंता
Dhirendra Panchal
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"विडम्बना"
Dr. Kishan tandon kranti
✍️शराब का पागलपन✍️
✍️शराब का पागलपन✍️
'अशांत' शेखर
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
किरदार
किरदार
SAGAR
फितरत
फितरत
Srishty Bansal
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ Rãthí
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
Ram Krishan Rastogi
2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
संघर्ष
संघर्ष
Rakesh Pathak Kathara
द्रौपदी
द्रौपदी
SHAILESH MOHAN
वक्त सबको देता है मौका
वक्त सबको देता है मौका
Anamika Singh
Loading...