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8 Oct 2016 · 1 min read

दर्द से भरी जो बात मुझसे कही

दर्द से जो भरी बात मुझसे कही
छोड़ के जिन्दगी जब चली क्या करें

मुस्कराहट हमेशा सजी होठ पर
ले मजा जो इश्क का पली क्या करें

साथ मेरा नहीं आज उसको मिला
प्यार को छोड़ पति से मिली क्या करें

फूल को देख बौरा गया जब बसंत
लग गले से मिली तो कली क्या करें

हो गयी है सुहानी ऋतु आज फिर
जब मुहब्बत मिली तो खिली क्या करें

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