** दर्द की दास्तान **

दिलमें बहुत दर्द उठा
बीती बातों का गम उठा..!
गम को भी हैं बहुत ही दर्द
वो… कहे किसे अपना दर्द…!
वो… तड़पता दिल के कोने में
फ़रियाद ‘तन’ को करता
तन बिचारा… सहे कितना..!..!
उसको भी अंगो में हैं… दर्द ऊठता..!!!!!
दिलमें बहुत दर्द उठा
बीती बातों का गम उठा..!
गम को भी हैं बहुत ही दर्द
वो… कहे किसे अपना दर्द…!
वो… तड़पता दिल के कोने में
फ़रियाद ‘तन’ को करता
तन बिचारा… सहे कितना..!..!
उसको भी अंगो में हैं… दर्द ऊठता..!!!!!