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22 Jul 2024 · 1 min read

दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में

दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में गम भी आए ।।खुशियां मेहमान रही दो-चार दिन की ।
और गम सालों साल तड़पाते रहे।।

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