Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 1 min read

दरमियान कुछ नहीं

दरमियान कुछ नहीं पर हमारे एक कहानी तो है
जो रह गई अधुरी एक कहानी तो है
राह में भटक रहा था मैं
मिली तुम तो थोड़ा ठहरा तो मैं
कल अलग जब हो जाओगे
दूर नजरों से हो जाओगे
बन के याद बस रह जाओगे
आऊं याद कभी तो तुम बात कर लेना
ना मिलना होगा फिर इस बात को समझ लेना
दरमियान कुछ नहीं पर एक कहानी तो है
जो रह गई अधुरी एक कहानी तो है
राह में भटक रहा था मैं
मिली तुम तो थोड़ा ठहरा तो मैं

Language: Hindi
44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
View all
You may also like:
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
संजय कुमार संजू
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
"सिरासार"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
Kanchan verma
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
उस चाँद की तलाश में
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
🙅आज का सच🙅
🙅आज का सच🙅
*प्रणय*
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Most of the time, I am the kind of person who tries her best
Most of the time, I am the kind of person who tries her best
पूर्वार्थ
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
शुक्रिया पेरासिटामोल का...! ❤
शुक्रिया पेरासिटामोल का...! ❤
शिवम "सहज"
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय
Shyam Sundar Subramanian
दे दो हमें मोदी जी(ओपीएस)
दे दो हमें मोदी जी(ओपीएस)
Jatashankar Prajapati
Loading...