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14 May 2021 · 1 min read

दया करो भगवान

दया करो भगवान …..।

त्राहि-त्राहि मचा हुआ है,
तेरे इस संसार में ,
कण-कण में तू बसा हुआ है,
नर के इस कंकाल में ।
दया करो………।।१।

सूझ-बूझ नहीं है अब ,
मानव के अहंकार में,
लील रहा है जीवन अपना,
झूठे इस संसार में ।
दया करो………।।२।

दुख में डूबा फिर भी भूखा ,
व्यभिचार के आड़ में ,
तोड़ रहा है बंधन को,
खोज रहा है प्यार को ।
दया करो………।।३।

भूल रहा है वंदन करना,
त्याग रहा है ज्ञान को ,
करता नहीं सम्मान जगत का,
माँग रहा है स्वाभिमान को ।
दया करो………।।४।

आँखों में अब प्रेम नहीं,
मुख से कितने भी नाम लो ,
मानव का कल्याण किया है ,
‘बुद्ध’ करुणा से ज्ञान लो ।
दया करो………।।५।

रचनाकार-
#बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा (हमीरपुर) ।

9 Likes · 2 Comments · 912 Views
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