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25 Apr 2020 · 1 min read

दंगा

दम्भ नहीं! दल की दहल;
दहशत का दूषित दलदल.
दागी-बागी सब हो दाखिल,
दायर करते दोषपूर्ण दुकाल.
दलाली नेता के दनुज दावँ,
दलितों की व दारुण दलील.
दलन पसरता दिग-दिगांत,
दीपक-दीपिका का दिवान्त.
दमन-दलकन अथवा देहांत,
दुश्वार द्रोह के सब दरमियान.
दहक के दस्तूर का नाम दंगा,
दानवों के दावत की दास्तान!

Language: Hindi
Tag: कविता
180 Views
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