Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2016 · 1 min read

तड़प

ऐ दोस्त! गुजरा ज़माना आज फिर से याद आ गया।
गुलदस्ता उसकी यादों का तन बदन को महका गया।

सब कुछ भूल गया मानो वक़्त कुछ पल को ठहर गया,
याद आई वो ऐसे मुझे जैसे सर्द रात में कोहरा छा गया।

उसकी मोहिनी सूरत आँखों में उतर आई एकदम से,
चँदा सा चेहरा उसका मुझको आज फिर बहका गया।

उसकी हिरणी सी आँखें बहुत कुछ कह जाती थी,
पर मुझसे आँखों के जरिये दिल का हाल पढ़ा ना गया।

वो लम्हा भी क्या लम्हा था जब उसने गुलाब दिया था,
किताब में रखा वो गुलाब आज मन को गुदगुदा गया।

एक दूजे के होकर भी हम एक दूजे के ना हो सके,
इस बेदर्द ज़माने से दो दिलों का मिलन ना देखा गया।

यहाँ “विकास” रोता रहा वहाँ “सुलक्षणा” तड़पती रही,
देकर गम जुदाई का हमको ये बेदर्द ज़माना हँसता गया।

1 Like · 1 Comment · 481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from डॉ सुलक्षणा अहलावत
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
शंकर छंद और विधाएँ
शंकर छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
नादान प्रेम
नादान प्रेम
Anil "Aadarsh"
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
Dr MusafiR BaithA
किसी को इतना मत करीब आने दो
किसी को इतना मत करीब आने दो
कवि दीपक बवेजा
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
कर्म का फल
कर्म का फल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अफ़सोस न करो
अफ़सोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
শ্যামা মা তুই কত দয়াময়ী
শ্যামা মা তুই কত দয়াময়ী
Arghyadeep Chakraborty
परिवार
परिवार
नवीन जोशी 'नवल'
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
gurudeenverma198
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
The_dk_poetry
(21)
(21) "ऐ सहरा के कैक्टस ! *
Kishore Nigam
ओ भोले भण्डारी
ओ भोले भण्डारी
Anamika Singh
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
✍️आईने लापता मिले✍️
✍️आईने लापता मिले✍️
'अशांत' शेखर
मोहब्बत
मोहब्बत
AVINASH (Avi...) MEHRA
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
मोहल्ले में थानेदार (हास्य व्यंग्य)
मोहल्ले में थानेदार (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
!! चमन का सिपाही !!
!! चमन का सिपाही !!
Chunnu Lal Gupta
सुबह की पहल तुमसे ही
सुबह की पहल तुमसे ही
Rachana Jha
दूसरी सुर्पनखा: राक्षसी अधोमुखी
दूसरी सुर्पनखा: राक्षसी अधोमुखी
AJAY AMITABH SUMAN
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
भ्रष्टाचार पर कुछ पंक्तियां
भ्रष्टाचार पर कुछ पंक्तियां
Ram Krishan Rastogi
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
Mukesh Kumar Sonkar
"मतलब समझाना
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...