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11 Feb 2024 · 1 min read

तेरे होने का सबूत

उसके होने का अहसास
और अधिक पुख्ता हुआ जब
कमरे की दीवार पर टंगा
कैलेंडर का पन्ना
बंद खिड़कियों और रोशनदानों के
बीच
बिना हवा के
गहन खामोशियों को तोड़ता
एक परिंदे के सूखे पंखों की
तरह फड़फड़ाने लगा
इस घटना पर मुझे जरा भी
संदेह नहीं हुआ
न बिल्कुल डर लगा
यकीन गहराता चला गया
तेरे जाने के बाद भी
तेरे होने का सबूत
मेरे विश्वास की डोर थामे
मेरे मन का दरवाजा खटखटाता रहा।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
103 Views
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