Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2016 · 1 min read

तेरे शहर मे गुज़ारी थी मैने एक जिंदगी

तेरे शहर मे गुज़ारी थी मैने एक जिंदगी
पर कैसे कह दूं हमारी थी एक जिंदगी ||

जमाने से जहाँ मेने कई जंग जीत ली
वही मोहब्बत से हारी थी एक जिंदगी ||

मुझको ना मिली वो मेरा कभी ना थी
तुमने जो ठुकराई तुम्हारी थी जिंदगी ||

महल ऊँचा पर आंशु किसी के फर्स पर
तब मुझको ना गवारी थी एक जिंदगी ||

कलम की उम्र मे पत्थर उठा रही है
कितनी किस्मत बेचारी थी एक जिंदगी||

तेरे शहर मे गुज़ारी थी मैने एक जिंदगी..

© शिवदत्त श्रोत्रिय

1 Comment · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from शिवदत्त श्रोत्रिय
View all
You may also like:
करके शठ शठता चले
करके शठ शठता चले
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गिव मी सम सन शाइन
गिव मी सम सन शाइन
Shekhar Chandra Mitra
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
गीत - कौन चितेरा चंचल मन से
गीत - कौन चितेरा चंचल मन से
Shivkumar Bilagrami
🪸 *मजलूम* 🪸
🪸 *मजलूम* 🪸
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
Hajipur
Hajipur
Hajipur
:::: हवा ::::
:::: हवा ::::
MSW Sunil SainiCENA
मंजिलें भी दर्द देती हैं
मंजिलें भी दर्द देती हैं
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे दिल की धड़कनों को बढ़ाते हो किस लिए।
मेरे दिल की धड़कनों को बढ़ाते हो किस लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2342.पूर्णिका
2342.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बँटवारा
बँटवारा
Shriyansh Gupta
बदल गया मेरा मासूम दिल
बदल गया मेरा मासूम दिल
Anamika Singh
माता शबरी
माता शबरी
SHAILESH MOHAN
हमको किस के सहारे छोड़ गए।
हमको किस के सहारे छोड़ गए।
Taj Mohammad
किस क़दर आसान था
किस क़दर आसान था
हिमांशु Kulshrestha
একটি চিঠির খসড়া
একটি চিঠির খসড়া
Sakhawat Jisan
फितरते फतह
फितरते फतह
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरी आंखों में
मेरी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
देखी देखा कवि बन गया।
देखी देखा कवि बन गया।
Satish Srijan
पिता तुम हमारे
पिता तुम हमारे
Dr. Pratibha Mahi
✍️कुछ दर्द खास होने चाहिये
✍️कुछ दर्द खास होने चाहिये
'अशांत' शेखर
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमारी जिंदगी ,
हमारी जिंदगी ,
DrLakshman Jha Parimal
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*
त्राहि-त्राहि भगवान( कुंडलिया )
त्राहि-त्राहि भगवान( कुंडलिया )
Ravi Prakash
वाचाल पौधा।
वाचाल पौधा।
Rj Anand Prajapati
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
Loading...