Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

तेरे मेरे सपने

साझे थे जो थे तेरे मेरे सपने
कैसे बाँटू वो थे, तेरे मेरे सपने

देखे सपने साथ साथ चलते
अविभक्त हैं , तेरे मेरे सपने

अलग हुए तो कैसे बाटेंगे
घुले मिले इतने, तेरे मेरे सपने

सतरंगी देखने में लग सकते
मिलकर शावस्त, तेरे मेरे सपने

डा. राजीव “सागरी”

73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
रोटियों के हाथों में
रोटियों के हाथों में
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
नज़र में मेरी तुम
नज़र में मेरी तुम
Dr fauzia Naseem shad
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
शिव प्रताप लोधी
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
दो भावनाओं में साथ
दो भावनाओं में साथ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Anxiety fucking sucks.
Anxiety fucking sucks.
पूर्वार्थ
यहाॅं हर इंसान मतलबी है,
यहाॅं हर इंसान मतलबी है,
Ajit Kumar "Karn"
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
"कुछ अइसे करव"
Dr. Kishan tandon kranti
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
2988.*पूर्णिका*
2988.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
sushil sarna
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
कवि रमेशराज
कुर्बतों में  रफ़ाकत   थी, बहुत   तन्हाइयां थी।
कुर्बतों में रफ़ाकत थी, बहुत तन्हाइयां थी।
दीपक झा रुद्रा
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
जिस सफर पर तुमको था इतना गुमां
जिस सफर पर तुमको था इतना गुमां
©️ दामिनी नारायण सिंह
धैर्य बनाए रखना
धैर्य बनाए रखना
Rekha khichi
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
शाम हुई, नन्हें परिंदे घर लौट आते हैं,
शाम हुई, नन्हें परिंदे घर लौट आते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...