Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 1 min read

तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून

तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
ग़ैरों ने दी उलझनें, अपनों ने नाख़ून
अपनों ने नाख़ून, ज़ख़्म गहरे अपने हैं
ले लें शायद जान, घाव नासूर बने हैं
महावीर कविराय, चैन जो खोये अक्सर
ढूँढो न कहीं ओर, छिपा वो तेरे भीतर
–महावीर उत्तरांचली

104 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
ऐसा कहते हैं सब मुझसे
ऐसा कहते हैं सब मुझसे
gurudeenverma198
पूनम का चांद
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जब भी देखा है दूर से देखा
जब भी देखा है दूर से देखा
Anis Shah
# सुप्रभात .....
# सुप्रभात .....
Chinta netam " मन "
आज नज़रे।
आज नज़रे।
Taj Mohammad
विश्व फादर्स डे पर शुभकामनाएं
विश्व फादर्स डे पर शुभकामनाएं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
खुशियाँ ही अपनी हैं
खुशियाँ ही अपनी हैं
विजय कुमार अग्रवाल
*मेरे देश का सैनिक*
*मेरे देश का सैनिक*
Prabhudayal Raniwal
✍️बात बात में..✍️
✍️बात बात में..✍️
'अशांत' शेखर
*रामपुर(मुक्तक)*
*रामपुर(मुक्तक)*
Ravi Prakash
"कबड्डी"
Dr. Kishan tandon kranti
सुमति
सुमति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
कविता
कविता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
एक था वृक्ष
एक था वृक्ष
सूर्यकांत द्विवेदी
2358.पूर्णिका
2358.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
याद बीते दिनों की - डी के निवातिया
याद बीते दिनों की - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
"भावना" इतनी
*Author प्रणय प्रभात*
फिर कभी तुम्हें मैं चाहकर देखूंगा.............
फिर कभी तुम्हें मैं चाहकर देखूंगा.............
Nasib Sabharwal
हम भी क्या दीवाने हुआ करते थे
हम भी क्या दीवाने हुआ करते थे
shabina. Naaz
बरसात की छतरी
बरसात की छतरी
Buddha Prakash
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
Smriti Singh
💐अज्ञात के प्रति-104💐
💐अज्ञात के प्रति-104💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यारों की आवारगी
यारों की आवारगी
The_dk_poetry
इमोजी कहीं आहत न कर दे
इमोजी कहीं आहत न कर दे
Dr fauzia Naseem shad
Loading...