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1 Mar 2023 · 1 min read

तेरे इंतज़ार में

आ भी जाओ शम्मा जलाये बैठे हैं,तेरे इंतज़ार में।
तमन्नाओं के फूल खिलाये बैठे हैं,तेरे इंतज़ार में।

हर रात बीत जाती है मेरी ,बैठे तेरे ही पहलू में,
रोज़ नया ख्वाब हम सजाये बैठे हैं ,तेरे इंतज़ार में।

क्यूं निकल आती हैं पुरानी यादों से , रोज़ नमी कोंपले,
हम तो पूरा शज़र ही उगाते बैठे हैं,तेरे इंतज़ार में।

बुरा न मानो तो एक बात कहे,दिल तुझे लगाना नहीं आता,
फिर क्यों बेवफा से आंख लडाये बैठे है,तेरे इंतज़ार में।

कम ही रह गये है जिंदगी के दिन भी अब तो
बस यूं ही सांस अटकाते बैठे हैं,तेरे इंतज़ार में।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
Tag: कविता
29 Views
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