तेरी यादें

तेरी याद जो आती हैं
खोया खोया सा लगता हूँ
पर क्या करू मैं
खोद को यही सोचता हूँ
मन तो लगती नहीं
बेगर तेरे बातें से
नशीब का मारा हूँ
किया कहूँ मेरे पास
कहने की कोई शब्द नहीं
अब मिटने जैसा लगता हैं
तेरी याद जो आती हैं
खोया खोया सा लगता हूँ
पर क्या करू मैं
खोद को यही सोचता हूँ
मन तो लगती नहीं
बेगर तेरे बातें से
नशीब का मारा हूँ
किया कहूँ मेरे पास
कहने की कोई शब्द नहीं
अब मिटने जैसा लगता हैं