Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

तेरा साथ मुझको गवारा नहीं है।

गज़ल

122…..122…..122…..122
तेरा साथ मुझको गवारा नहीं है।
जो वादा था तूने निभाया नहीं है।

था पेट्रोल डीजल सिलेंडर पे काबू,
आवारा हुए रोक पाया नहीं है।

गुज़र हो रही है गरीबों की ऐसे,
कि दो वक्त का रोज खाना नहीं है।

कि नेकी करो और दरिया में डालो,
भलाई का अब ये जमाना नहीं है।

बिना नौकरी के जिएं कैसे बच्चे,
गड़ा पास कोई खजाना नहीं है।

दिये जख्म तूने मुझे इतने सारे,
कोई दर्द लगता पुराना नहीं है।

कभी अपने प्रेमी को मत देना धोका,
कहीं फिर तेरा भी ठिकाना नहीं है।

…….,✍️ प्रेमी

Language: Hindi
1 Like · 146 Views
You may also like:
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
Ashwini sharma
शहनाइयों में
शहनाइयों में
Dr. Sunita Singh
★ संस्मरण / गट-गट-गट-गट कोका-कोला 😊
★ संस्मरण / गट-गट-गट-गट कोका-कोला 😊
*Author प्रणय प्रभात*
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दीवानों की बातें दीवानी, होती है।
दीवानों की बातें दीवानी, होती है।
Taj Mohammad
सीने में जलन
सीने में जलन
Surinder blackpen
नदिया रोये....
नदिया रोये....
Ashok deep
धन तेरस
धन तेरस
जगदीश लववंशी
शांति अमृत
शांति अमृत
Buddha Prakash
गीता के स्वर (1) कशमकश
गीता के स्वर (1) कशमकश
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सदियों की गुलामी
सदियों की गुलामी
Shekhar Chandra Mitra
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे...
Seema Verma
जिद्द
जिद्द
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐💐रसबुद्धि:💐💐
💐💐रसबुद्धि:💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*
*"काँच की चूड़ियाँ"* *रक्षाबन्धन* कहानी लेखक: राधाकिसन मूंदड़ा, सूरत।
radhakishan Mundhra
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
Manisha Manjari
वो इश्क को हंसी मे
वो इश्क को हंसी मे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar J aanjna
🙏माता ब्रह्मचारिणी🙏
🙏माता ब्रह्मचारिणी🙏
पंकज कुमार कर्ण
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर...
जय लगन कुमार हैप्पी
मां के आंचल में
मां के आंचल में
Satish Srijan
*बंदर दो अनार ले आया (बाल कविता)*
*बंदर दो अनार ले आया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
क़फ़स
क़फ़स
मनोज कर्ण
मेरी आंखों के ख़्वाब
मेरी आंखों के ख़्वाब
Dr fauzia Naseem shad
खुशी बेहिसाब
खुशी बेहिसाब
shabina. Naaz
बह रही थी जो हवा
बह रही थी जो हवा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
विचार
विचार
सोनम राय
सच्ची दीवाली
सच्ची दीवाली
rkchaudhary2012
"नवसंवत्सर सबको शुभ हो..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...