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8 Jun 2017 · 1 min read

तेरा साथ छूटा

तेरा साथ छूटा,सम्हलने में वक्त लगा,
अब फिर उसी मौसम,उसी प्रेम की तमन्ना मुझे,
एक दिन,एक पल,एक घड़ी,तुम जो भी मंजूर करो,
बस चन्द लम्हे उन जुल्फों तले बिताना मंजूर करो,
सुबह की शबनम,वो रात चाँदनी,
खुला उपवन या के स्याह रौशनी,
फिर एक बार उन्ही एहसासों में गुम जाना मंजूर करो,
जब दिल चाहे,जहां भी धड़कन बुलाये,
बस उस गोद में एक बार सो जाना मंजूर करो,
तेरा साथ छूटा,सम्हलने में वक्त लगा
उन होंठो का हिलना वो आँखों की शबनम,
जो कर सको ….
तो आँखों की शबनम में,इस शोतेे का गुम जाना मंजूर करो
तेरा साथ छूटा सम्हलने में वक्त लगा……।।

Language: Hindi
279 Views
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