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29 Sep 2016 · 1 min read

तुह्मत तो लाजवाब मिले, होश में हूँ मैं

मुझको तो अब शराब मिले, होश में हूँ मैं
और वह भी बेहिसाब मिले, होश में हूँ मैं

सच्चाइयों से ऊब चुका हूँ बुरी तरह
अब इक हसीन ख़्वाब मिले, होश में हूँ मैं

मेरे किये का ख़ाक मिलेगा मुझे सवाब
तुह्मत तो लाजवाब मिले, होश में हूँ मैं

अर्ज़ी मेरी क़ुबूल हो उल्फ़त की आज ही
या तो मुझे जवाब मिले, होश में हूँ मैं

ग़ाफ़िल समझ के बात जुगनुओं पे टाल मत
अब मुझको माहताब मिले, होश में हूँ मैं

-‘ग़ाफ़िल’

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