Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2023 · 1 min read

तुम हो तो मैं हूँ,

तुम हो तो मैं हूँ,
इससे ज्यादा क्या कहूँ।
-लक्ष्मी सिंह

3 Likes · 55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
ना तख्त होई
ना तख्त होई
Shekhar Chandra Mitra
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
Dr. Narendra Valmiki
प्यार
प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"मित्रता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
समझना है ज़रूरी
समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
चांद
चांद
Annu Gurjar
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
✍️हलाल✍️
✍️हलाल✍️
'अशांत' शेखर
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
नज़्म - झरोखे से आवाज
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
सुनें   सभी   सनातनी
सुनें सभी सनातनी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
ruby kumari
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
Trishika Srivastava Dhara
“WE HAVE TO DO SOMETHING”
“WE HAVE TO DO SOMETHING”
DrLakshman Jha Parimal
(15)
(15) " वित्तं शरणं " भज ले भैया !
Kishore Nigam
⭐⭐सादगी बहुत अच्छी लगी तुम्हारी⭐⭐
⭐⭐सादगी बहुत अच्छी लगी तुम्हारी⭐⭐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
निर्गुण सगुण भेद..?
निर्गुण सगुण भेद..?
मनोज कर्ण
कर रहे हैं वंदना
कर रहे हैं वंदना
surenderpal vaidya
ए ! सावन के महीने क्यो मचाता है शोर
ए ! सावन के महीने क्यो मचाता है शोर
Ram Krishan Rastogi
जीवन पथ
जीवन पथ
Kamal Deependra Singh
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा
दोहा
Dushyant Baba
Be A Spritual Human
Be A Spritual Human
Buddha Prakash
Loading...