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12 Aug 2019 · 1 min read

तुम महादेब की गौरी हुई हो…?

छोटी-छोटी नन्हीं परियां हो तुम

तुम महादेब की गौरी हुई हो…?

छोड़ो, दुर्गा-काली बन जाओ…

सब दुष्टों पे अकेले ही भारी पर जाओ…

गौरी सीता होकर क्या कर लोगी…?

कब तक दुष्टों से बच लोगी…?

इस सावन चंडी ही हो जाओ…

अपनी और माँ जाई जैसी बहनों के लिए

तुम महादेब की तीसरी आँख ही बन जाओ

…सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 327 Views

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