*तुम आते हो जब साँसों में (भक्ति गीत)*
*तुम आते हो जब साँसों में (भक्ति गीत)*
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तुम आते हो जब साँसो में ,तब मैं खो जाता हूँ
( *1* )
तुमसे मिलकर लगता ऐसे ,जैसे सुध-बुध खोई
लगता है जब तुम हो जगते ,दुनिया सारी सोई
हँसता हूँ तुमसे मिलकर मैं ,अक्सर रो जाता हूँ
तुम आते हो जब साँसों में ,तब मैं खो जाता हूँ
( *2* )
आँख मूँदता हूँ तो तुमको ,अपने भीतर पाता
लगता जैसे गीत सुहाना ,कोई मुझे सुनाता
सुनते – सुनते तुमसे वीणा , बेसुध सो जाता हूँ
तुम आते हो जब साँसों में ,तब मैं खो जाता हूँ
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*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 999761 5451*