तुम्हें
तुम्हें देखकर आ गया हमको तो मुस्कुराना
थामा है हाथ मेरा नहीं छोड़ राहैं जाना
जब याद तेरी आये ऐ दिलबर मेरे खुदाया
तू बन के समीर मेरी सांसों में महक जाना
दीखता है तू ही मुझको ज़र्रे ज़र्रे में हरेक शै के
समझा तुझे वही जिसे चाहे तू दिल लगाना
तेरी पाकेमोहब्बत इवादत अब बन गई मेरी
ऐ परवरदिगारे आलम हर शय से तू ही बचाना
मेरे ख्वाबों में हक़ीक़त में इक तू ही है मेरा अपना
छूटी जबसे ये दुनियाँदारी तुझे चाहूँ गले लगाना
तेरी सांसो से दहक रहा है तन वदन ये मेरा
पलको में उलझी हो पलकें जब नज़दीक मेरे आना
यही आरज़ू ये प्रतिभा की तमन्ना बस् यही है
तोड़ बंदिशें ज़माने की बांहों में सिमट जाना