तुम्ही हो किरण मेरी सुबह की

तुम्ही हो किरण मेरी सुबह की।
तुम्ही हो खुशी मेरी जिंदगी की।।
तेरे बिना है सब कुछ अधूरा।
तुम्ही हो हंसी मेरी दिल्लगी की।।
तुम्ही हो किरण——————।।
मैंने सजाये हैं जो भी ये सपनें।
तेरे लिए ,सच तेरे लिए।।
मैंने जलाये हैं जो दीप इतने।
तेरे लिए ,सच तेरे लिए।।
तुम्ही हो अरमां मेरे दिल का।
तुम्ही हो जुबां मेरी बन्दगी की।।
तुम्ही हो किरण—————–।।
यकीन करो मेरी मोहब्बत पे तुम।
मेरी वफ़ा और मेरी जमीं पर।।
चाहते नहीं हम और किसी को।
दिल है फिदा सिर्फ एक तुम्ही पर।।
तुम्ही हो बहार मेरे चमन की।
तुम्ही हो रौनक मेरी ताजगी की।।
तुम्ही हो किरण——————।।
रूठो नहीं तुम हमसे ऐसे।
पर्दा करो नहीं तुम ऐसे हमसे।।
बैठो नहीं दूर तुम हमसे ऐसे।
छुपाओ नहीं राज तुम ऐसे हमसे।।
तुम्ही हो नसीब मेरी जिंदगी का।
तुम्ही हो किताब मेरी जिंदगी की।।
तुम्ही हो किरण——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)