तुम्हीं हो मां

आज मैं जो कुछ भी हूं मगर उसका आधार तुम्हीं हो मां
मेरी पूरी कहानी का अहम किरदार तुम्हीं हो मां
मुसीबत पड़ती है मुझ पर तुम्हारी दुआ ही काम आती है
मेरा भगवान मेरी पूजा मेरा सब कुछ तुम्हीं हो मां
तुमने ही ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया मुझको
मेरी हर ख्वाहिश को पूरा करना चाहती तुम्हीं हो मां
अच्छा क्या है बुरा क्या है मुझे हर पल बताती हो
मुझे इस दुनिया की समझ देती तुम्हीं हो मां
मुसीबत से कैसे है लड़ना मुझको सिखाती तुम्हीं हो
हाथ पकड़ कर दुख की घडी से पार कराती तुम्हीं हो मां
कोई भी हो नहीं सकता हैं तुम जैसा जमाने में
भुलाया जा नहीं सकता हैं वो पहला शब्द तुम्हीं हो मां
गले लग कर तुम्हारे ‘कृष्ण’ सारे गम भूल जाता हैं
रब से मिला मुझे एक अनमोल सा वरदान वो तुम्हीं हो मां
– कृष्ण सिंह