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22 Feb 2023 · 1 min read

तुम्हीं पे जमी थीं, ये क़ातिल निगाहें

तुम्हीं पे जमी थीं, ये क़ातिल निगाहें
हुई देर क्यों, मेहरबां आते आते

नहीं कुछ भी मुश्किल, अगर ठान लीजै
कि आती है कोई, ज़बां आते आते

—महावीर उत्तरांचली

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