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20 Nov 2022 · 1 min read

तुम्हारे सिवा भी बहुत है

तुम्हारे सिवा भी बहुत है, देने को यहाँ साथ हमारा।
एक तेरा ही नहीं है यहाँ, दुनिया में हमको सहारा।।
तेरे सिवा भी बहुत है——————।।

खुशनसीब मान तू , तुमको मेरा जो प्यार मिला।
ऐसा नहीं यह इसलिए, हसीन है चेहरा तुम्हारा।।
तुम्हारे सिवा भी बहुत है———————।।

मुझसे बढ़कर होगा नहीं, तुमको कोई चाहने वाला।
लाजवाब जमीं पर नहीं है, एक सिर्फ दिल तुम्हारा।।
तुम्हारे सिवा भी बहुत है———————-।।

तुमको देने को ऐसे खुशी, कौन बहायेगा पसीना।
और भी है तुम्हारे सिवा, जीने को अरमान हमारा।।
तुम्हारे सिवा भी बहुत है———————।।

बहुत है हमारे ठिकानें, मुसीबत में लेने को शरण।
एक तुम्हारा ही घर नहीं है,बचाने को प्राण हमारा।।
तुम्हारे सिवा भी बहुत है———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 311 Views
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