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6 Jun 2023 · 1 min read

“तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,

“तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
तुम्हें याद करके थोड़ा सा ठहरता हूं।
आंखें बंद करके सूंघता हूं तुम्हारी महक,
फिर तृप्त होकर ज़िगर के भीतर उतारता हूं।”

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