तुमसे कितना प्यार है

तुमसे कितना प्यार है, चाहता हूँ तुमको मैं कितना।
तुम बात ऐसी मुझसे कभी, ओ मेरी जां नहीं करना।।
तुमसे कितना प्यार है———————।।
लड़ता हूँ तुमसे अक्सर, मगर नफरत मुझको तुमसे नहीं।
लड़ती हो तुम भी मुझसे, मगर मैंने बुरा बोला तुमसे नहीं।।
मैंने सितम क्यों तुम्हारे सहे, सच्चाई यह नहीं पूछना।
तुमसे कितना प्यार है——————–।।
हकीकत तुमको मालूम है, ये खत लिखता हूँ किसको।
मेरी खुशी- सपनें कौन है,मोहब्बत करता हूँ किसको।।
ये जो नगमें लिखे हैं मैंने, किस पर लिखे हैं नहीं जानना।
तुमसे कितना प्यार है——————–।।
बहते हैं ऑंसू मेरे भी तो,ऑंसू जब भी तेरे बहते हैं।
करने दो दुनिया को बुराई , लोग ऐसे ही जलते हैं।।
मांगता हूँ खुदा से मैं दुहा,किसके लिए यह नहीं सोचना।
तुमसे कितना प्यार है——————–।।
मेरे लिए तो तू ही चांद है, और तू ही है मेरे लिए बहार।
सिर्फ तू ही है वह रोशनी, रोशन है जीवन जिससे यार।।
बनाता हूँ तेरी तस्वीर क्यों, यह सवाल नहीं करना।
तुमसे कितना प्यार है———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)