तुमसा तो कान्हा कोई
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तुमसा तो कान्हा कोई
दूजा जग में ना होगा
होठों पर मुस्कान लिए
मंत्र मुग्ध मुरली लिए
मोर पंख मुकुट में धरे
शेषनाग सा मित्र लिए।
मुख में ब्रह्मांड लिए
दूजा जग में ना होगा
हरमिंदर कौर अमरोहा
तुमसा तो कान्हा कोई
दूजा जग में ना होगा
होठों पर मुस्कान लिए
मंत्र मुग्ध मुरली लिए
मोर पंख मुकुट में धरे
शेषनाग सा मित्र लिए।
मुख में ब्रह्मांड लिए
दूजा जग में ना होगा
हरमिंदर कौर अमरोहा