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1 Oct 2024 · 1 min read

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
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तीखी नजरें आर – पार कर बैठे।
नाजुक सा दिल तार-तार कर बैठे।

लम्हा था तन्हाँ भरा-भरा शातिर,
बातों – बातों में विचार कर बैठे।

इंजामों का यूँ अता – पता ना था,
चाहत अपनी बेशुमार कर बैठे।

हादसे से हादसा हो गया पथ पर,
बैठे – बिठाए खुद शिकार कर बैठे।

मनसीरत माजरा समझ नहीं पाया,
पत्थर दिल यार से प्यार कर बैठे।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 32 Views
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