Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2024 · 1 min read

तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,

तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
सलीक़ा ख़ुद-ब-ख़ुद सीख गए इक उम्र के बाद

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

51 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
Sonam Puneet Dubey
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
चाय सबके लिए है चाय क्लास स्टैंडर्ड देखकर साथ नही देती चाय त
चाय सबके लिए है चाय क्लास स्टैंडर्ड देखकर साथ नही देती चाय त
पूर्वार्थ
गलतफहमी
गलतफहमी
Sanjay ' शून्य'
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
नव दीप जला लो
नव दीप जला लो
Mukesh Kumar Sonkar
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
"बराबरी का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
gurudeenverma198
"लौटा दो मेरे दिल की क़िताब को यूँहीं बिना पढ़े"
Mamta Gupta
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
मुकाबला करना ही जरूरी नहीं......
मुकाबला करना ही जरूरी नहीं......
shabina. Naaz
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
आ लौट के आजा टंट्या भील
आ लौट के आजा टंट्या भील
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
अंतरद्वंद
अंतरद्वंद
Happy sunshine Soni
I thought you're twist to what I knew about people of modern
I thought you're twist to what I knew about people of modern
Chaahat
3149.*पूर्णिका*
3149.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅कड़वा सच🙅
🙅कड़वा सच🙅
*प्रणय प्रभात*
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
Dr fauzia Naseem shad
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...