Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2022 · 1 min read

तबादला

ऐ खुदा! रहम कर के इतना फासला हो
जाए
मेरा उसके दिल से अब तबादला हो
जाए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 166 Views
You may also like:
बाल कविता हिन्दी वर्णमाला
बाल कविता हिन्दी वर्णमाला
Ram Krishan Rastogi
कविता ही हो /
कविता ही हो /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एतबार उस पर इतना था
एतबार उस पर इतना था
Dr fauzia Naseem shad
عجیب دور حقیقت کو خواب لکھنے لگے۔
عجیب دور حقیقت کو خواب لکھنے لگے۔
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अग्निपरीक्षा
अग्निपरीक्षा
Shekhar Chandra Mitra
*,मकर संक्रांति*
*,मकर संक्रांति*
Shashi kala vyas
साहब कहता वेट घटाओ
साहब कहता वेट घटाओ
Satish Srijan
मुद्दतों बाद लब मुस्कुराए है।
मुद्दतों बाद लब मुस्कुराए है।
Taj Mohammad
माँ
माँ
Prakash juyal 'मुकेश'
💐अज्ञात के प्रति-53💐
💐अज्ञात के प्रति-53💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shailendra Aseem
■ आज का चिंतन...
■ आज का चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
'संज्ञा'
'संज्ञा'
पंकज कुमार कर्ण
# मंजिल के राही
# मंजिल के राही
Rahul yadav
काकाको चप्पल (Uncle's Slippers)
काकाको चप्पल (Uncle's Slippers)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यहां उनका भी दिल जोड़ दो/yahan unka bhi dil jod do
यहां उनका भी दिल जोड़ दो/yahan unka bhi dil jod...
Shivraj Anand
✍️गलत बात है ✍️
✍️गलत बात है ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
shabina. Naaz
बच्चे थिरक रहे हैं आँगन।
बच्चे थिरक रहे हैं आँगन।
लक्ष्मी सिंह
करुणा
करुणा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
Which have the power to take rebirth like the phoenix, whose power no one can ever match.
Which have the power to take rebirth like the phoenix,...
Manisha Manjari
उसकी गमी में यूं निहां सबका मलाल था,
उसकी गमी में यूं निहां सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अच्छा आहार, अच्छा स्वास्थ्य
अच्छा आहार, अच्छा स्वास्थ्य
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
हो नहीं जब पा रहे हैं
हो नहीं जब पा रहे हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
यही इश्क़ तो नहीं
यही इश्क़ तो नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...