Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2024 · 1 min read

तन्हाई

तन्हाई

तन्हा कब थी मैं, साथ तन्हाई तो थी।
खामोशी कब थी,रोती शहनाई तो थी।

डूबने ही नही दिया साँसों के बोझ ने,
समुद्र में भी वर्ना, ऐसी गहराई तो थी।

जीने के लिये क्यू ,सहारा ढूंढते हैं हम
ग़म थे,यादें थी ,तेरी बेवफाई तो थी।

सोचती हूं कहां भूल आई हूं तुम को
कुछ बातें खुद से , मैंने छिपाई तो थी।

उठते देखा था, जब जनाजा वफा का
खुशक आँखे मेरी ,डबडबाई तो थी।

एक तेरे न आने से ,रुक गई थी साँसे
इंतजार मे तेरे, पलकें बिछाई तो थी।

एक खिजां का मौसम ठहर सा गया है
जिंदगी मे कभी यूं,बहार आई तो थी।
Surinder kaur

Language: Hindi
1 Like · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
आर.एस. 'प्रीतम'
"कर्ममय है जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
शब्द अनमोल मोती
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
जगदीश लववंशी
5. *संवेदनाएं*
5. *संवेदनाएं*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
"खुद का उद्धार करने से पहले सामाजिक उद्धार की कल्पना करना नि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
3679.💐 *पूर्णिका* 💐
3679.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जागो, जगाओ नहीं
जागो, जगाओ नहीं
Sanjay ' शून्य'
की मैन की नहीं सुनी
की मैन की नहीं सुनी
Dhirendra Singh
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
Ashwini sharma
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
Loading...