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10 Feb 2023 · 1 min read

तन्हाई के पर्दे पर

तन्हाई के पर्दे पर ,कुछ रंगीन तस्वीरें हैं।
कुछ टूटे सपने और धुंधली तहरीरें ‌है।

कोशिशें बहुत की ,इनको समझने की
इतनी उलझी क्यों, हाथों की लकीरें है।

देखूं जो आईना तो, है ताज सर पर मेरे
कौन देखें पांव में मेरे कितनी जंजीरें हैं।

आजमाया हर खुदा,सजदे में सर रहा
कैसे कहें फिर भी, नाखुश तकदीरें हैं।
Surinder Kaur

Language: Hindi
1 Like · 339 Views
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