Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

तक़दीर साथ दे देती मगर, तदबीर ज़्यादा हो गया,

तक़दीर साथ दे देती मगर, तदबीर शायद ज़्यादा हो गया,
ख़ुदा भी उसी का है आजकल, जो अमीर ज़्यादा हो गया।

बेईमानी, हेरा-फेरी, चोरी-डकैती का बोलबाला देखिए,
जो कायदे-कानून का पाबंद है, वो ग़रीब ज़्यादा हो गया।

जिस्म-फ़रोशी काबिज़ है, क़ाज़ी से लेकर मुसिफ़ तक,
जो काले धंधों से तरक़्की किया, वो नज़ीर ज़्यादा हो गया।

रिश्वतखोरों सफ़ेदपोशों की असलियत, क्या-क्या बताएं,
जिसका ख़ूब चले गोरखधंधा, वो वज़ीर ज़्यादा हो गया।

आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर,
कलियुग में जो जिगर साफ़, वो फ़क़ीर ज़्यादा हो गया।

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all

You may also like these posts

मैं मज़दूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
Ahtesham Ahmad
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
कमी
कमी
Otteri Selvakumar
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
विरोध
विरोध
Dr.Pratibha Prakash
हिंदी पर कुण्डलिया छंद
हिंदी पर कुण्डलिया छंद
sushil sharma
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
जीवण तपतौ तावड़ौ, मां थ्हूं सीतळ धार।
जीवण तपतौ तावड़ौ, मां थ्हूं सीतळ धार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
Rj Anand Prajapati
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
Manisha Manjari
My biggest fear is attachment.
My biggest fear is attachment.
पूर्वार्थ
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
मैं अपना जीवन
मैं अपना जीवन
Swami Ganganiya
हम सब की है यही अभिलाषा
हम सब की है यही अभिलाषा
गुमनाम 'बाबा'
#काफिले
#काफिले
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
चुनाव के बाद अयोध्या
चुनाव के बाद अयोध्या
Sudhir srivastava
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
Kshma Urmila
फिकर
फिकर
Dipak Kumar "Girja"
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूं
indu parashar
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
$úDhÁ MãÚ₹Yá
🙏🏻*गुरु पूर्णिमा*🙏🏻
🙏🏻*गुरु पूर्णिमा*🙏🏻
Dr. Vaishali Verma
क्या कहूँ ?
क्या कहूँ ?
Niharika Verma
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
*आज का दोहा*
*आज का दोहा*
*प्रणय*
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
उम्मीद की डोर
उम्मीद की डोर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
चुभते शूल ……
चुभते शूल ……
Kavita Chouhan
Loading...