Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2020 · 1 min read

तकलीफ

*नज़रिया बदल के देख, हर तरफ नज़राने मिलेंगे*

*ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे..!*

5 Likes · 406 Views
You may also like:
"बाजरे का जायका"
Dr Meenu Poonia
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Bhut khilliya udwa  li khud ki gairo se ,
Bhut khilliya udwa li khud ki gairo se ,
Sakshi Tripathi
*नेह से जीवन चलता ( कुंडलिया)*
*नेह से जीवन चलता ( कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Every best can be made better as every worst can be made worse.
Every best can be made better as every worst can...
Dr Rajiv
सफर
सफर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे कृष्ण बनना है मां
मुझे कृष्ण बनना है मां
Surinder blackpen
तुम्हारी छवि
तुम्हारी छवि
Rashmi Sanjay
उसूल है।
उसूल है।
Taj Mohammad
औकात
औकात
साहित्य गौरव
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
Sakhawat Jisan
तेरी अबरू लाजवाब है
तेरी अबरू लाजवाब है
Shiv kumar Barman
Book of the day: काव्य मंजूषा (एक काव्य संकलन)
Book of the day: काव्य मंजूषा (एक काव्य संकलन)
Sahityapedia
💐अज्ञात के प्रति-61💐
💐अज्ञात के प्रति-61💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
*,मकर संक्रांति*
*,मकर संक्रांति*
Shashi kala vyas
तांका
तांका
Ajay Chakwate *अजेय*
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
बाल कहानी - सुन्दर संदेश
SHAMA PARVEEN
आज नहीं तो निश्चय कल
आज नहीं तो निश्चय कल
Satish Srijan
औलाद
औलाद
Sushil chauhan
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
बिछड़न [भाग ३]
बिछड़न [भाग ३]
Anamika Singh
आसमानों को छूने की चाह में निकले थे
आसमानों को छूने की चाह में निकले थे
कवि दीपक बवेजा
परदेशी
परदेशी
Shekhar Chandra Mitra
बहुत तकलीफ देता है
बहुत तकलीफ देता है
Dr fauzia Naseem shad
यह नज़र का खेल है
यह नज़र का खेल है
Shivkumar Bilagrami
अब तक मैं
अब तक मैं
gurudeenverma198
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर की तरह ब
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर...
Dr.Priya Soni Khare
बेटियां
बेटियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ अनुभूत सच
■ अनुभूत सच
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...