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27 Apr 2023 · 1 min read

ड्रीम इलेवन

ड्रीम इलेवन में मैं रुपये लगाता रोज
लाख व करोड़ के ही सपने सजाता हूँ

कौन सी बनाऊँ टीम यही सोचता हूँ बस
मित्र मंडली से रात-दिन बतियाता हूँ

स्वप्न में ही रोज यूँ तो कोठियाँ खरीद लेता
मैं गरीब का गरीब किन्तु रह जाता हूँ

कहते सभी हैं वक्त होता मूल्यवान किन्तु
वक्त को मैं व्यर्थ इस खेल में गँवाता हूँ

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 27/04/2023

1 Like · 130 Views
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