Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2022 · 1 min read

डर लगता है

राम से तो नहीं हमें,
श्रीराम से डर लगता है!
लाठी-डंडा लिए हुए
नौजवान से डर लगता है!!
चारों तरफ़ बनते हुए
नफ़रत के इस माहौल में!
भारत के होने वाले
अंज़ाम से डर लगता है!!
Shekhar Chandra Mitra
#जागृति #बगावत #नवजागरण
#उत्पीड़न #MobLynching #भीड़
#धर्मांधता #दंगा #riots #दलित
#चुनाव #election #media
#SupremeCourt #police

Language: Hindi
2 Likes · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
विलीन
विलीन
sushil sarna
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
ज़िम्मेवारी
ज़िम्मेवारी
Shashi Mahajan
दिल अब
दिल अब
Dr fauzia Naseem shad
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
महान व्यक्तित्व
महान व्यक्तित्व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
तेरी धरा मैं हूँ
तेरी धरा मैं हूँ
Sunanda Chaudhary
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"प्यास"
Dr. Kishan tandon kranti
I Haven't A Single Things in My Life
I Haven't A Single Things in My Life
Ravi Betulwala
मासूमियत
मासूमियत
Surinder blackpen
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
Rj Anand Prajapati
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#सवाल-
#सवाल-
*प्रणय प्रभात*
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
सच्ची दोस्ती -
सच्ची दोस्ती -
Raju Gajbhiye
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...