Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

ठहराव नहीं अच्छा

ठहराव नही अच्छा ‘मनवा’,
सम्भव है, पुनः छले जाओ।
स्मृतियाँ साथ न छोड़ेंगी,
चाहे तुम कहीं चले जाओ।

पर तुमने कहाँ मानी ‘मनवा’,
झट द्वार झरोखे सब खोले।
औ’ मधुर तान सी, बह निकले,
बिन सोचे समझे और तोले।

यादों बातों से भरी हुई,
लो, ‘गठरी’ आज बंधी फिर से।
अश्रु के जल से सजी हुई,
‘दो सखियाँ’ आज खड़ी फिर से।

अब टीस हृदय की छुपती नही,
अश्रु भी, बहना सीख गये।
होठों को सी डाला फिर भी,
नैना सब कहना सीख गये।

ना टूटेगा अब मौन कभी,
ना कह पाऊँ हिय शूल कभी।
चटकन भीतर इतनी हो जब,
क्या ‘कुछ’ पाऊँगी भूल कभी।

‘तुम’ भीतर कितना ही सिसको,
मुख पर दुःख छाप अबीरा सी।
मधु स्मृतियों से भीगी मै,
लो भयी दीवानी मीरा सी।

Language: Hindi
1 Like · 116 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसी ने हाल यह किया है
उसी ने हाल यह किया है
gurudeenverma198
राम और सलमान खान / मुसाफ़िर बैठा
राम और सलमान खान / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Love and truth never hide...
Love and truth never hide...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*नन्हे पैरों चलती मुनिया, अच्छी लगती है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*नन्हे पैरों चलती मुनिया, अच्छी लगती है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
DrLakshman Jha Parimal
💐अज्ञात के प्रति-146💐
💐अज्ञात के प्रति-146💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नव वर्ष
नव वर्ष
RAKESH RAKESH
जो ये खेल
जो ये खेल
मानक लाल मनु
Speak with your work not with your words
Speak with your work not with your words
Nupur Pathak
मत्तगयंद सवैया छंद
मत्तगयंद सवैया छंद
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शुरुआत की देर है बस
शुरुआत की देर है बस
Buddha Prakash
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Sakshi Tripathi
आलेख : सजल क्या हैं
आलेख : सजल क्या हैं
Sushila Joshi
हम-सफ़र
हम-सफ़र
Shyam Sundar Subramanian
दोस्त हो तो ऐसा
दोस्त हो तो ऐसा
Anamika Singh
मौला के घर देर है पर,
मौला के घर देर है पर,
Satish Srijan
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
तुम बिन आवे ना मोय निंदिया
तुम बिन आवे ना मोय निंदिया
Ram Krishan Rastogi
ख़्वाहिशें बे'लिबास थी
ख़्वाहिशें बे'लिबास थी
Dr fauzia Naseem shad
साधु की दो बातें
साधु की दो बातें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटी की विदाई
बेटी की विदाई
प्रीतम श्रावस्तवी
🙅POK🙅
🙅POK🙅
*Author प्रणय प्रभात*
आस्तीक भाग -छः
आस्तीक भाग -छः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Rj Anand Prajapati
मायापुर यात्रा की झलक
मायापुर यात्रा की झलक
Pooja Singh
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
Kanchan Khanna
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...