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15 Nov 2022 · 2 min read

*टैगोर काव्य गोष्ठी 15 नवंबर 2022*

*टैगोर काव्य गोष्ठी 15 नवंबर 2022*
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राजकली देवी शैक्षिक पुस्तकालय (टैगोर स्कूल), पीपल टोला, निकट मिस्टन गंज, रामपुर, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित *टैगोर काव्य गोष्ठी* का आयोजन दिनांक 15 नवंबर 2022 मंगलवार को संस्था-भवन में उल्लासपूर्वक हुआ। समयानुसार काव्य-गोष्ठी ठीक 10:30 बजे आरंभ होकर 11:30 पर संपन्न हो गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ कवि *शिव कुमार चंदन* द्वारा ‘सरस्वती-वंदना’ से हुआ। आपके काव्य के आध्यात्मिक विचारों की सघनता ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया ।
तत्पश्चात चंदन जी ने अपना सुप्रसिद्ध गीत *जैसी छवि होगी दीखेगी, दर्पण का कुछ दोष नहीं है* , जब पढ़ा तो कार्यक्रम की साहित्यिक ऊर्जा मानो चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई । आपने एक गीत *सरहद पर लहराए तिरंगा* तथा *घर-घर में आनंद बरसता, हर ऑंगन था हरा-भरा* -पंक्तियों से पुरानी आत्मीयता से भरी यादों को गीत के माध्यम से सजीव कर दिया ।
तत्पश्चात *सुरेंद्र अश्क रामपुरी* ने अपनी गजल के माध्यम से वर्तमान परिवेश को चित्रित करने का सार्थक और प्रभावशाली प्रयास किया :-
*…सियासत तेरे चेहरे पर कई चेहरे नजर आए*
आपकी उपरोक्त पंक्ति को काफी सराहना मिली।
*श्रीमती नीलम गुप्ता* ने एक सुंदर कविता के माध्यम से हृदय के सुकोमल भावों को अभिव्यक्ति दी । आपने मनुष्यता के भावों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया ।
*ओंकार सिंह विवेक* ने अपनी सुगठित गजलों के माध्यम से कभी वैराग्य के भावों को अभिव्यक्ति दी, तो कभी आज की समस्याओं से जूझते हुए मनुष्य की संवेदना को स्वर दिया ।
आपकी गजलों में आशावादी स्वर विशेष रूप से सराहा गया । आप की यह पंक्तियॉं जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के कारण बहुत महत्वपूर्ण हो गईं :-
*घोर ॳंधियारों में से ही फूटती है रोशनी*
*आप क्यों नाकामियों से इतना घबराने लगे*
‘बिसलेरी का पानी’ पीना एक आम बात है, लेकिन इसके प्रयोग को शासक वर्ग की मानसिकता से जोड़ने का आपका प्रयास बिल्कुल अनोखा था । जनता और शासन के बीच में जो दूरियॉं बढ़ गई हैं, उसे आपने इन पंक्तियों से चित्रित किया :-
*उनके हिस्से चुपड़ी रोटी, बिसलेरी का पानी है*
*और हमारी किस्मत हमको रूखी-सूखी खानी है*
अंत में आपने हर दौर के शासकों को कवि की शाश्वत चेतावनी दे डाली। आपकी गजलें बहुत देर तक वाहवाही बटोरती रहीं:-
*जनता की आवाज दबाने वालों इतना ध्यान रहे*
*कल पैदल भी हो सकता है, आज अगर सुल्तानी है*
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि ओंकार सिंह विवेक तथा सह-अध्यक्षता नगर पालिका परिषद रामपुर की भूतपूर्व सदस्य श्रीमती नीलम गुप्ता ने की। कार्यक्रम का संचालन संस्था-प्रबंधक रवि प्रकाश द्वारा किया गया ।
—————————————-
*प्रस्तुति : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: संस्मरण
26 Views

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