Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2022 · 1 min read

टेडी बिअर डे

टेडी बिअर खेलेंगे , टेडी बिअर देंगे
खेल खिलोने के साथ हम खेलेंगे
तुम हो मेरे साथ मैं हूँ तुम्हारे साथ
गुड्डे और गुड़ियों जैसा है अपना साथ

Language: Hindi
Tag: कविता
65 Likes · 388 Views

Books from DR.MDHU TRIVEDI

You may also like:
" चलन "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
When compactibility ends, fight beginns
When compactibility ends, fight beginns
Sakshi Tripathi
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
बेटियाँ
बेटियाँ
Neha
वो कॉलेज की खूबसूरत पलों के गुलदस्ते
वो कॉलेज की खूबसूरत पलों के गुलदस्ते
Ravi Shukla
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
एकता
एकता
Aditya Raj
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
विश्वास मिला जब जीवन से
विश्वास मिला जब जीवन से
Taran Singh Verma
माना कि तेरे प्यार के काबिल नही हूं मैं
माना कि तेरे प्यार के काबिल नही हूं मैं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिंदगी क्या है?
जिंदगी क्या है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पहचान
पहचान
Anamika Singh
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
एहसास
एहसास
Shutisha Rajput
दूर....
दूर....
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
■ एक सलाह, नेक सलाह...
■ एक सलाह, नेक सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
तस्वीर जो हमें इंसानियत का पाठ पढ़ा जाती है।
तस्वीर जो हमें इंसानियत का पाठ पढ़ा जाती है।
Abdul Raqueeb Nomani
💐प्रेम कौतुक-182💐
💐प्रेम कौतुक-182💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मेरे किसान बंधु चौकड़िया'
Ankit Halke jha
माता प्राकट्य
माता प्राकट्य
Dr. Sunita Singh
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
ख्वाबों को हकीकत में बदल दिया
ख्वाबों को हकीकत में बदल दिया
कवि दीपक बवेजा
*आने-जाने का दुनिया में सदा सर्वदा क्रम है (मुक्तक)*
*आने-जाने का दुनिया में सदा सर्वदा क्रम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
काश़ वो वक़्त लौट कर
काश़ वो वक़्त लौट कर
Dr fauzia Naseem shad
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
'अशांत' शेखर
मुक्ति
मुक्ति
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...