टूटता है यकीन खुद पर से,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0db25969a6f38c8fb64ea547ebb029f0_07b0ca2a6a716b8480ec8978e50a89a1_600.jpg)
टूटता है यकीन खुद पर से,
कोई मौसम सा जब बदलता है।
कैसे पहुंचेगा एक मंज़िल पर ।
रास्ते बारह बदलता है ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
टूटता है यकीन खुद पर से,
कोई मौसम सा जब बदलता है।
कैसे पहुंचेगा एक मंज़िल पर ।
रास्ते बारह बदलता है ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद