Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2016 · 1 min read

झूठ (दोहावली)

झूठ कभी ना जीतता, कर लो जतन हजार।
भले देर से ही सही, जीते सच हर बार।।
**
झूठ सदा भारी पड़ा, बढ़े अधर्मी पाप।
सत्य तभी निर्बल पड़ा, हुए न दृढ़ हम आप।।
**
सत्य सदा जो बोलता, रखना पड़े न याद।
एक झूठ करता सदा, सौ झूठी फरियाद।।
**
झूठ घटाती मुश्किलें, भ्रम तू ये ना पाल।
घर में ही क्या कम पलें, कुछ जी के जंजाल।।
**
झूठे की रहती सदा, रातों नींद हराम।
सच्चा सोता चैन से, कर के सारे काम।।

Language: Hindi
420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul'
View all
You may also like:
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
तजर्रुद (विरक्ति)
तजर्रुद (विरक्ति)
Shyam Sundar Subramanian
बस तू चाहिए
बस तू चाहिए
Harshvardhan "आवारा"
हर फौजी की कहानी
हर फौजी की कहानी
Dalveer Singh
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
"बदलाव की बयार"
Ajit Kumar "Karn"
द्रौपदी मुर्मू'
द्रौपदी मुर्मू'
Seema 'Tu hai na'
■ सीधी-सपाट...
■ सीधी-सपाट...
*Author प्रणय प्रभात*
अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या /लवकुश यादव
अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
रामायण आ रामचरित मानस मे मतभिन्नता -खीर वितरण
रामायण आ रामचरित मानस मे मतभिन्नता -खीर वितरण
Acharya Rama Nand Mandal
2476.पूर्णिका
2476.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक पैगाम मित्रों के नाम
एक पैगाम मित्रों के नाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गीत
गीत
Kanchan Khanna
बरसात हुई
बरसात हुई
Surya Barman
चलती सांसों को
चलती सांसों को
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
वैभव बेख़बर
उसने मुझको बुलाया तो जाना पड़ा।
उसने मुझको बुलाया तो जाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माँ 🤱❤️
माँ 🤱❤️
Skanda Joshi
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
मत खोलो मेरी जिंदगी की किताब
मत खोलो मेरी जिंदगी की किताब
Adarsh Awasthi
मुझको तुम्हारा क्या भरोसा
मुझको तुम्हारा क्या भरोसा
gurudeenverma198
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बिल्ली हारी
बिल्ली हारी
Jatashankar Prajapati
मेंटल
मेंटल
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
खोखली बातें
खोखली बातें
Dr. Narendra Valmiki
Loading...