Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Shekhar Chandra Mitra
171 Followers
Follow
Report Content
15 Aug 2021 · 1 min read
झुनझुना
और कितना लगाओगे चूना
रोए जा रहा कबसे मुन्ना!!
ले जाओ दिला दो इसे भी
आजादी का एक झुनझुना!!
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
330 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like:
हार हूँ
Satish Srijan
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
Surinder blackpen
भगतसिंह मरा नहीं करते
Shekhar Chandra Mitra
मुस्कुराना चाहता हूं।
Abhishek Pandey Abhi
लेखनी
Rashmi Sanjay
माता प्राकट्य
Dr. Sunita Singh
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*** " नाविक ले पतवार....! " ***
VEDANTA PATEL
प्रीति के दोहे, भाग-1
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आर्य समाज, धमोरा (जिला रामपुर)
Ravi Prakash
हो जाओ तुम किसी और के ये हमें मंजूर नहीं...
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
Rohit yadav
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता हैं [भाग९]
Anamika Singh
मेरे तुम
अंजनीत निज्जर
■ विशेष_आलेख / कूनो की धरा किसकी...?
*Author प्रणय प्रभात*
एक सवाल
Taran Singh Verma
एक दिया जलाये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन की बात 🥰
Ankita
यूं मरनें मारनें वाले।
Taj Mohammad
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
Charu Mitra
"कुछ अधूरे सपने"
MSW Sunil SainiCENA
"हरी सब्जी या सुखी सब्जी"
Dr Meenu Poonia
💐प्रेम कौतुक-331💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम
Shiva Awasthi
लोकतंत्र में तानाशाही
Vishnu Prasad 'panchotiya'
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
बाल कहानी- गणतंत्र दिवस
SHAMA PARVEEN
दिल में भी इत्मिनान रक्खेंगे ।
Dr fauzia Naseem shad
दिल की बात
rkchaudhary2012
Loading...