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13 Mar 2023 · 1 min read

जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं

जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
उन बातों का बन जाता है
आने वाले समय में एक विशालकाय वृक्ष
और उस वृक्ष से उगते हैं
दर्द , एकांत, खालीपन ,
और कभी ना कहा जाने वाला मोन !

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Books from श्याम सिंह बिष्ट

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