जो दिल के पास होता है (हिंदी गजल/गीतिका )

जो दिल के पास होता है (हिंदी गजल/गीतिका )
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1
शिकायत सब उसी से है, जो दिल के पास होता है
उसी से रूठते हैं हम, जो अक्सर खास होता है
2
भरोसा हर किसी के साथ, लोगों का नहीं जुड़ता
बरतते जिंदगी-भर हैं, तो फिर विश्वास होता है
3
अगर पिंजरे से निकला तो, फिर क्या-क्या
न नापेगा
परिंदे के लिए पूरा गगन ही ग्रास होता है
4
मजाकें हर किसी के साथ, हर कोई नहीं करता
जिन्हें अपना समझते हैं, उन्हीं से हास होता है
5
किसे मालूम है मरकर, कहॉं जाती हैं आत्माऍं
न जाने स्वर्ग कैसा है, जहॉं आवास होता है
6
गगन में काले बादल की, मजेदारी के क्या कहने
बरसती हैं जो बूॅंदें तो, सहज उल्लास होता है
7
बदलते मौसमों के रंग, जादू-जैसे लगते हैं
गगन को देखकर अदृश्य का आभास होता है
8
मिली सौ साल की केवल,अधिकतम जिंदगी हमको
विधाता के नियम का, आदमी हर दास होता है
9
अमीरों की सभी बातें, सभी को लगती हैं अच्छी
जमाने से गरीबों का सदा उपहास होता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451